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Writer's picturePrasad Bharadwaj

अष्टावक्र गीता - 1.4.यदि जागरूकता में निष्ठा के साथ खड़े रह सकते हैं, मुक्त के रूप में पहचान लेंगे। (Ashtavakra Gita - 1.4. "If you can stand firm in your awareness you will immediately recognize...)



🌹 अष्टावक्र गीता - 1.4.यदि जागरूकता में निष्ठा के साथ खड़े रह सकते हैं, मुक्त के रूप में पहचान लेंगे।🌹


- प्रसाद भारद्वाज



अष्टावक्र गीता के अध्याय 1, श्लोक 4 में, शरीर की पहचान से अलगाव और जागरूकता में दृढ़ता शांति, आनंद, और मुक्ति की तात्कालिक अनुभूति की ओर ले जाती है। यह श्लोक जीवन्मुक्ति (जीते जी मुक्ति) के मार्ग की खोज करता है, जिसमें ध्यान और आध्यात्मिक सत्य के समझ की महत्ता पर जोर दिया गया है।


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