🌹 चैतन्य के बीज - भाग 1 - सच्चा आत्म साधन वही है जो हमारी दृष्टि को बाहरी, अस्थायी चीजों से आंतरिक, शाश्वत चीजों की ओर मोड़ता है। 🌹
प्रसाद भारद्वाज
यह पाठ चेतना के स्वभाव और बाहरी अनुभवों की अस्थिरता की चर्चा करता है। इसमें आंतरिक जागरूकता और इस समझ पर जोर दिया गया है कि जबकि बाहरी दुनिया और इसके घटनाएँ अस्थायी हैं, "मैं हूँ" का ज्ञान स्थायी और शाश्वत है। यह पाठ हमें भीतर की ओर मुड़ने और संसार की क्षणिकता को समझकर, अपरिवर्तनीय सत्य की खोज करने के लिए प्रेरित करता है।
🌹🌹🌹🌹🌹
Comments