परमात्मा, अविनाशी आत्मा के रूप में जीवों में निवास करता है और प्रत्येक कर्म का साक्षी होता है। यह आत्मा शाश्वत और पवित्र है, जीव के गुणों से अप्रभावित। इस शाश्वत शुद्ध आत्मा का अनुभव ही मुक्ति का मार्ग है।
देखने के लिए धन्यवाद
प्रसाद भारद्वाज
DAILY BHAKTI MESSAGES 3
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